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चिरायता: जानें इस औषधीय जड़ी-बूटी के अद्भुत फायदे

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चिरायता के लाभ

Chirayta Benefits

Chirayta Benefits

चिरायता के फायदे: आयुर्वेद में चिरायता (Swertia chirayita) एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी मानी जाती है। इसकी कड़वाहट के बावजूद, इसके औषधीय गुण इसे विशेष बनाते हैं। भारत में, इसे बुखार, पाचन संबंधी समस्याओं, त्वचा रोगों और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए सदियों से उपयोग किया जा रहा है। खासकर मौसम के बदलाव के दौरान, चिरायता का सेवन शरीर को बीमारियों से बचाने में सहायक होता है।


पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

चिरायता का सबसे बड़ा लाभ इसके पाचन पर प्रभाव डालने में है। यह अपच, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसके सेवन से पाचन एंजाइम सक्रिय होते हैं, जिससे भोजन का पाचन बेहतर होता है और शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है। यह भूख को भी बढ़ाता है और कमजोरी को दूर करता है।


इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक

चिरायता में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण शरीर को संक्रमण से बचाते हैं। इसका नियमित सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है, जिससे मौसमी सर्दी-जुकाम, बुखार और अन्य संक्रमणों का खतरा कम हो जाता है।


त्वचा रोगों में लाभकारी

चिरायता त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं के लिए भी फायदेमंद है। यह दाद, खुजली, फोड़े-फुंसी, एक्जिमा और कुष्ठ जैसे रोगों में राहत प्रदान करता है। इसका सेवन शरीर को अंदर से शुद्ध करता है, जिससे रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनती है।


रक्त शोधक और लिवर टॉनिक

चिरायता को एक बेहतरीन ब्लड प्यूरीफायर माना जाता है। यह रक्त से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर रक्त संचार को बेहतर बनाता है। इससे शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और थकान कम होती है। इसके अलावा, यह लिवर को डिटॉक्स करता है, जिससे हेपेटाइटिस और फैटी लिवर जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।


बुखार और ब्लड शुगर में राहत

चिरायता का उपयोग मलेरिया और वायरल बुखार जैसी स्थितियों में पारंपरिक औषधि के रूप में किया जाता है। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और जल्दी ठीक होने में मदद करता है। साथ ही, यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में भी सहायक है, जिससे डायबिटीज़ रोगियों को लाभ मिल सकता है।


सावधानियां और साइड इफेक्ट्स

हालांकि चिरायता के कई फायदे हैं, लेकिन इसका अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। ज्यादा मात्रा में लेने पर यह पेट में जलन, मतली, उल्टी या दस्त का कारण बन सकता है। इसलिए इसे हमेशा चिकित्सक की सलाह से ही लेना चाहिए। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को चिरायता का सेवन बिना विशेषज्ञ सलाह के नहीं करना चाहिए।


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